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दोस्तों अगर हम ट्रेडिंग का नाम सुनते है, तो हमे बहुत तरह का ट्रेडिंग के बारे में ख्याल आता है उसी में से एक Intraday trading भी है.तो सबसे पहले ये जानते है की.
Indraday क्या होता है? |What is Intradaytrading?
Intraday trading यह इंट्राडे ट्रेडिंग एक शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग है जिसमें ट्रेडर एक दिन में ही शेयर या कमोडिटी की खरीददारी और बिक्री करते हैं। चाहें वह Trade आपके Oposite हो या Positive आपको एक ही दिन के लिए होता है, दोस्तों इस तरह का trade में Risk बहुत ज्यादा होता है, लेकिन अगर market / trading के Knowlage और Research के साथ करें तो इसमें Profit भी बहुत ज्यादा है, क्यूँकी Intraday trading में समय कम मिलता है आपको जैसे की 09:15 am से 03:30 pm तक इस लिए अगर Trading का Knowlage के साथ करने से इसमें कम समय में ज्यादा पैसा बना सकते है. दोस्तों तो चलिए हम इसी Intraday trading strategies को समझते है. इस Article में आपको Intraday trading, Intraday trading strategies, Intraday trading strategies in hindi ये सभी पढ़ने और समझने को मिलेगा.
ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी वित्तीय नगरीय बाजार में काफी लाभदायक हो सकती है, लेकिन इसमें निवेशकों को समझदारी से काम लेना चाहिए। यहां कुछ इंट्राडे ट्रेडिंग की प्रमुख रणनीतियाँ हैं. जिसे हम नीचे देखेंगे.
Intraday trading strategies
1. डे ट्रेडिंग की तकनीक:
इस रणनीति में, ट्रेडर दिनभर के अंत में से किसी भी समय में ट्रेड करता है। उन्हें नियमित रूप से बाजार की गतिविधि को निगरानी करनी चाहिए और विपरीत दिशा में जाने की क्षमता होनी चाहिए।
इस तकनीक में, ट्रेडर उसी दिन में खरीददारी और बिक्री करके लाभ कमाता है। यह रणनीति ज्यादातर छोटी निवेशकों के लिए उपयुक्त होती है जो बाजार की तेजी से बदलती गतिविधियों का लाभ उठाना चाहते हैं। इसमें निवेशक को नियमित रूप से बाजार के गतिविधियों का पूर्ण ज्ञान होना चाहिए ताकि वह सही समय पर ट्रेड कर सके।
2. मौन विपरीत ट्रेडिंग:
इस रणनीति में, ट्रेडर बाजार में स्थिरता के समय में ही ट्रेड करता है, जब बाजार में उतार-चढ़ाव कम होता है।
यह रणनीति उन निवेशकों के लिए उपयुक्त होती है जो बाजार की अधिकतम स्थिरता के समय में ही निवेश करना पसंद करते हैं। इसमें ट्रेडर बाजार में स्थिरता के समय में विपरीत ट्रेड करता है, जिससे उसे बाजार के अधिक वोलेटाइलिटी के समय में नुकसान से बचा जा सकता है। यह रणनीति उन निवेशकों के लिए फायदेमंद हो सकती है जो बाजार की अनियमितता से बचना चाहते हैं।
3. स्कैलपिंग : Scalping
इस रणनीति में, ट्रेडर एक ही सुरक्षा के बारंबार खरीददारी और बिक्री करता है, उसके मूल्य में छोटे उतार-चढ़ावों का लाभ उठाने के लिए।
इस रणनीति में, ट्रेडर एक ही सुरक्षा में लगातार ट्रेड करता है, लेकिन उसकी संख्या में बढ़ावा करता है। ट्रेडर इस रणनीति का उपयोग करके छोटे उतार-चढ़ावों का लाभ उठाता है और इस प्रकार के लाभ को बढ़ाता है। इसका मुख्य लक्ष्य बाजार की संख्यात्मक गतिविधि से लाभ कमाना होता है, लेकिन यह रिस्क का सामना भी करता है।
4. ब्रेकआउट ट्रेडिंग: Brekuot Trading
इस रणनीति में, ट्रेडर एक सुरक्षा के मूल्य में विपरीत गति के लिए ट्रेड करता है, जिससे उसे ब्रेकआउट के लिए लाभ मिल सकता है।
ब्रेकआउट ट्रेडिंग में, ट्रेडर उस समय में ट्रेड करता है जब एक सुरक्षा का मूल्य किसी महत्वपूर्ण स्तर को पार करता है, जिससे एक नई गति का आरंभ हो सकता है। इस रणनीति का उद्देश्य होता है कि ट्रेडर उस गति का लाभ उठा सके जो उस ब्रेकआउट के बाद हो सकता है। यह रणनीति तब कामयाब होती है जब ट्रेडर नियमित रूप से ब्रेकआउट स्तरों को पहचान सके और उनके अनुसार ट्रेड कर सके।
5. डेमो काउंटर: Demo Counter
इस रणनीति में, ट्रेडर बाजार के खुलने से पहले और बंद होने से पहले डेमो काउंटर पर ट्रेड करता है, ताकि वह बाजार की स्थिति का अंदाजा लगा सके।
इस रणनीति में, ट्रेडर बाजार के खुलने से पहले और बंद होने से पहले डेमो काउंटर पर ट्रेड करता है। इसका मकसद बाजार की मौजूदा स्थिति का अध्ययन करना होता है ताकि ट्रेडर अपनी ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी को समझ सके और बाजार में सही समय पर प्रवेश कर सके। डेमो काउंटर पर ट्रेड करने से पहले ट्रेडर को अपनी खरीददारी और बिक्री की प्रक्रिया को समझने का मौका मिलता है जो उसे वास्तविक बाजार में अधिक सक्षम बनाता है।
6. अनुबंध ट्रेडिंग: Contract Trading
इस रणनीति में, ट्रेडर एक ही समय में कई शेयरों में निवेश करता है और उन्हें बंद होने से पहले ही बेच देता है।
अनुबंध ट्रेडिंग में, ट्रेडर एक ही समय में अनेक विभिन्न शेयरों में निवेश करता है और उन्हें बंद होने से पहले ही बेच देता है। इस तरह की ट्रेडिंग में, ट्रेडर बाजार में अधिक विविधता और विकल्पों का लाभ उठा सकता है, लेकिन इसमें जोखिम भी होता है। यह रणनीति उन निवेशकों के लिए उपयुक्त हो सकती है जो बाजार की अनुमानित गतिविधि को ध्यान में रखकर विभिन्न शेयरों में निवेश करना पसंद करते हैं।
7. ट्रेन्ड फॉलोविंग: Trand Following
इस रणनीति में, ट्रेडर विश्वसनीय ट्रेंड के साथ ट्रेड करता है, जिससे उसे अधिक लाभ हो सकता है। इस रणनीति में, ट्रेडर विश्वसनीय ट्रेंड के साथ ट्रेड करता है, जिससे उसे अधिक लाभ हो सकता है।
ट्रेंड फॉलोविंग में, ट्रेडर उस समय में ट्रेड करता है जब एक सुरक्षा या बाजार की एक विश्वसनीय दिशा या ट्रेंड नजर आ रहा होता है। इस रणनीति का मकसद ट्रेडर को उस ट्रेंड के साथ चलना होता है जिसमें वह प्रतिस्पर्धा कर रहा है, जिससे उसे अधिक लाभ हो सकता है। यह रणनीति उन निवेशकों के लिए उपयुक्त हो सकती है जो ट्रेंड के साथ ट्रेड करना पसंद करते हैं और विश्वसनीय ट्रेंडों का अध्ययन कर सकते हैं।
8. स्विंग ट्रेडिंग: Swing Trading
इस रणनीति में, ट्रेडर एक सुरक्षा की दैनिक या साप्ताहिक गतिविधि के मूल्य में छोटे उतार-चढ़ाव का लाभ उठाता है।
स्विंग ट्रेडिंग में, ट्रेडर विभिन्न अवधियों के लिए खरीददारी और बिक्री करता है, जैसे कि दिन के दौरान, सप्ताहांत या महीने के दौरान। इस रणनीति का मुख्य उद्देश्य छोटे-मध्यम अवधियों के छोटे उतार-चढ़ावों का लाभ उठाना होता है, जो किसी निश्चित कारक के द्वारा प्रेरित होता है। यह रणनीति उन निवेशकों के लिए उपयुक्त हो सकती है जो बाजार की मध्यम से लम्बी अवधियों के लिए निवेश करना पसंद करते हैं और छोटे उतार-चढ़ावों का लाभ उठाना चाहते हैं।
9. अदालती ट्रेडिंग: Court Trading
इस रणनीति में, ट्रेडर खरीददारी और बिक्री की घोषणा के पहले ही एक या अधिक निवेश करता है, और इसे अदालती कहा जाता है क्योंकि यह ट्रेडर को बाजार के न्यूज़ या घटनाओं का पूर्वानुमान करने की अनुमति देता है।
अदालती ट्रेडिंग में, ट्रेडर बाजार के न्यूज़ या आगामी घटनाओं के आधार पर निवेश करता है। इस रणनीति का उद्देश्य होता है कि ट्रेडर बाजार में आने वाली संभावित परिस्थितियों का पूर्वानुमान कर सके और इसके अनुसार निवेश कर सके। यह रणनीति उन निवेशकों के लिए उपयुक्त हो सकती है जो बाजार की गतिविधि को समझने में माहिर होते हैं और घटनाओं का समायोजन करने की क्षमता रखते हैं।
10. अल्गोरिथ्मिक ट्रेडिंग: Algorithmic Trading
अल्गोरिथ्मिक ट्रेडिंग एक योजना है जिसमें कंप्यूटर प्रोग्राम ट्रेड का निर्धारण करते हैं और खरीददारी और बिक्री की प्रक्रिया को स्वचालित रूप से पूरा करते हैं। यह रणनीति अत्यंत तेजी से और सही निर्णय लेने में सक्षम होती है।
अल्गोरिथ्मिक ट्रेडिंग के लिए, ट्रेडर कंप्यूटर प्रोग्रामिंग और वित्तीय बाजार के अच्छे ज्ञान की आवश्यकता होती है। इसके लिए, वे विभिन्न टेक्निकल इंडिकेटर्स, मूल्य इतिहास, और अन्य वित्तीय डेटा का उपयोग करते हैं ताकि कंप्यूटर प्रोग्राम सही समय पर सही निवेश के निर्णय ले सके।
यह रणनीति उन निवेशकों के लिए उपयुक्त हो सकती है जो तकनीकी ज्ञान और कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में माहिर हैं। इसमें निवेशकों को बाजार की स्थिति का पूर्वानुमान करने के लिए साइबरनेटिक टूल्स का उपयोग करना पड़ता है। अल्गोरिथ्मिक ट्रेडिंग कम समय में ज्यादा लाभ कमाने की क्षमता प्रदान कर सकती है, लेकिन इसमें निवेशक को बाजार की गतिविधि को संवेदनशीलता से निगरानी करना चाहिए।
Disclaimer
F.A.Q
1. इंट्राडे ट्रेडिंग के नियम क्या है?
2. इंट्राडे ट्रेडिंग अच्छी है या बुरी?
3. किस ट्रेडिंग में जोखिम कम होता है?
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